Wednesday, 30 September 2015

वेजिटेबल सूप

     भले वेजिटेबल सूप सभी को पसंद आता है, मगर बच्चों को तो जैसे नफ़रत। मेरा बेटा तो नाम सुनते ही नाक सिकोड़ लेता है। मैं चाहती हूँ कि उसके पसंद के लायक कुछ ऐसा प्रयास करूँ कि वेजिटेबल सूप लेना शुरू कर दे। आज मैंने कुछ अलग प्रयोग किया। अपने प्रयोग को आपके साथ भी साझा कर रही हूँ। आप भी अपने टेस्टफुल मेनू में सम्मिलित कर सकते हैं। आप भी शाम को खाने से पहले ढेर सारी पौष्टिक सब्ज़ियों से बने इस टेस्टी और हेल्दी सूप का मज़ा ज़रूर लें। 
वेजिटेबल सूप के लिए आवश्यक सामग्री -
(मैंने जो उपयोग किया वह बताती हूँ )
  • गाजर - 1 मीडियम आकार की 
  • बेसन - 1/4 कटोरी 
  • फ्रेंच बिन्स - 4-5  
  • चुकंदर  - 1/4 हिस्सा 
  • सेव -  1/4 हिस्सा 
  • अदरक -  1/2 इंच लम्बा टुकड़ा कद्दूकस कर के 
  • मक्खन - 1 चम्मच
  • नमक - स्वादानुसार
  • नीबू - आधा
  • हरा लहसुन - 1 बड़ा चम्मच 



कैसे तैयार करें यह टेस्टी-मेनू ?
  • 2 बडे़ चम्मच पानी में बेसन को अच्छे से घोल लें ताकि गाँठ ना बने। 
  • अब एक मोटे तले के पैन में मक्खन गर्म करके उसमें अदरक और पहले से काट कर तैयार की सारी सब्ज़ियां डाल कर 2 मिनट तक चलाते हुए हल्की आंच पर भून लें। 
  • अब इनको 2 मिनट के लिए ढक कर धीमी आँच पर पकाएं। 
  • तैयार सब्ज़ियों में 600 ग्राम पानी मिला दें। अब बेसन के घोल, नमक आदि मिला कर उबाल आने तक चलाते हुए पकाएं।  
  • उबाल आने के बाद सूप को 3-4 मिनट के लिए धीमी आँच पर  पका लें, फिर गैस बंद करके सूप में नींबू का रस मिला दें। 


  • आपकी टेस्टफुल मेनू में वेजिटेबल सूप अब तैयार है। 
  • सूप बाउल में तैयार सूप को डाल कर मक्खन और लहसुन डाल कर परोसें।                                                                                       -----------------------

बूंदी रायता


    कभी भी रायता खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है। खाने की मेज़ पर चाहे जितने भी प्रकार की सब्ज़ियां हों लेकिन रायते का अपना महत्व होता है। यह खाने के स्वाद को तो बढा़ता ही है साथ ही इसे पचाने में भी मदद करता है। मैं हमेशा अपने टेस्टफुल मेनू में वही चीजें रखने का प्रयास करती हूँ, जिसे शीघ्रता से तैयार किया जा सके। बूंदी का भी रायता झटपट तैयार हो जाता है और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट होता है। 

बूंदी रायता के लिए आवश्यक सामग्री -
  • दही - 200 ग्राम
  • बेसन की बूदीं -  50 ग्राम 
  • भुना हुआ जीरा -  आधा चम्मच पिसा हुआ
  • हरी मिर्च - (1 बारीक कटी हुई )
  • नमक - स्वादानुसार 
  • धनिया-पत्ती (इच्छानुसार)

बूंदी रायता को कैसे बनाएँ -
    मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि बूंदी रायता को जितनी आसानी से खाया जाता है, उतनी ही आसानी से बनाया भी जा सकता है।  रायता बनाने के लिए बूंदी को 5 मिनट के लिए भिगो दें। अब एक छलनी में डाल कर बूंदी का सारा पानी निचोड़ दें। दही को मिक्सी में डाल कर फेंट लें। अब फेंटी दही में भिगोई हुई बूंदी डाल कर मिला लें। इसमें नमक, हरी मिर्च और जीरा डाल कर अच्छे से मिला लें। अब ऊपर से धनिया-पत्ती डाल दें। 


     बूंदी का स्वादिष्ट रायता तैयार है। इसमें ऊपर से थोडा़ सा भुना जीरा डाल कर सजाएं और पसोसें। अब आप इस बूंदी रायते को अपने टेस्टफुल मेनू में बड़े गर्व से शामिल करें और मज़े से खाएं-खिलाएँ। 
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कैप्सिकम भरवां

    मुझे लगता है कि अगर सब्‍ज‍ियों को अलग-अलग ढंग से बनाया जाए तो खाने का मजा बढ़ जाता है। आपने भी तो सुना ही होगा न कि दिमाग का हर रास्ता पेट से होकर जाता है, तो मैं भी यहीं प्रयास कराती हूँ कि पेट को कुछ ऐसा मिलता रहे दिमाग चलता रहे। 
    आज मैं अपने टेस्टफुल मेनू में  ये रेसिपी कैप्सिकम भरवां अर्थात भरवां श‍िमला मिर्च की रख रही हूँ। एक बात और, आपको बता दूँ कि इसे बनाने में ज्‍यादा वक्‍त भी नहीं लगता है। 

कैप्सिकम भरवां के लिए आवश्यक सामग्री -
  • 3-4 कैप्सिकम मिर्च
  • 2 बड़े चम्मच उबली हुई चने की दाल 
  • 2 बड़े उबले मैश किए आलू 
  • 2 बड़े चम्मच पनीर मैश किया हुआ
  • बारीक कटे 2 बड़े प्याज 
  • 1 छोटा चम्मच पका सब्जी मसाला
  • 1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच कटा लहसुन 
  • स्वादानुसार नमक और 3 बड़े चम्मच तेल

कैप्सिकम भरवां को अपने टेस्टी-मेनू के लिए कैसे तैयार करेंगे?
  • कैप्सिकम को ऊपर से काटकर अंदर से बीज निकाल दें। 
  • अब पैन में थोडा तेल गरम करें तथा इसमें प्याज को गुलाबी होने तक भूने।  
  • पावभाजी मसाला और बाकी सामग्री मिलाकर 5-6 मिनट भूनें और चूल्हा बंद कर दें। 
  • अब कैप्सिकम में तैयार मसाला भर दें। 
  • पैन में बचा तेल डालकर कैप्सिकम डाल कर ढक दें और बीच-बीच में पलटते रहें।  
  • जब कैप्सिकम मुलायम हो जाएं, तो चूल्हा बंद कर दें। अब आपका कैप्सिकम भरवां तैयार। अब आप इसे बड़े शौक से डिनर या लंच में रख सकती हैं। 


 अब आपका कैप्सिकम भरवां तैयार। अब आप इसे बड़े शौक से डिनर या लंच में रख सकती हैं। 
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ओट्स खीर

    मेरा बेटा अभी छोटा है। एक तो सुबह उठाना नहीं चाहता और उठता है तो उसे तैयार करते-करते स्कूल का समय हो जाता है। इस हाल में मैं चाहती हूँ कि उसके लिए कुछ ऐसा नाश्ता बनाऊँ,  पौष्टिक भी हो और जल्दी तैयार भी हो जाए। तब मुझे सुबह नाश्‍ते के लिए ओट्स खीर एक अच्‍छा विकल्‍प लगता है। आप भी इसे अपने टेस्टफुल मेनू में रख सकते हैं। यह पौष्‍ट‍िक भी है और खाने में स्‍वादिष्‍ट भी।  इसे झटपट तैयार भी किया जा सकता है। 
   अगर आपको ओट्स खीर बनाना है तो इसमे सिर्फ 20 मिनट लगाकर आप एक शानदार ब्रेकफास्‍ट तैयार कर सकते हैं। 
ओट्स खीर के लिए आवश्यक सामग्री -


  • दो चम्मच रोल किए हुए ओट्स
  • एक चम्मच कॉर्न फ्लेक्स
  • 200 मिलीलीटर दूध
  • बादाम, किशमिश, नारियल बूरा, पिस्ता, खजूर आदि। 
  • दो चम्मच शक्कर या शुगरफ्री


ओट्स खीर कैसे बनाएँ -
  • एक कटोरे में दूध व सभी सामग्रियां मिला लें। अब माइक्रोवेव में दो मिनट तक पका लें। 
  • सर्व करने से पहले कॉर्न फ्लेक्स से गार्निश कर लें। ऊपर से ड्राईफ्रूट्स (बादाम, किशमिश, नारियल बूरा, पिस्ता, खजूर आदि) रखें।  
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Tuesday, 29 September 2015

इमली की चटनी


    अहा! इमली का नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है न! चटखारेदार और मुँह में पानी लाने वाली इमली स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती है। इसलिए इसे विभिन्न स्थानों पर विशेष तौर से भोजन में सम्मिलित किया जाता है। कच्ची इमली बच्चों को बड़ी प्रिय होती है। हालाँकि आधुनिक बच्चों का प्रकृति से संपर्क लगभग खत्म ही हो गया है। बड़े होने पर चूँकि दाँतों पर से इनेमल निकल जाता है अतः हम इमली नहीं खा पाते हैं। तब भी इमली के उपयोग के अनेक तरीके हैं। गर्मियों में ताजगीदायक पेय बनाने के लिए इमली को पानी में कुछ देर के लिए भिगोएँ व मसलकर इसका पानी छान लें। अब उसमें स्वादानुसार गुड़ या शकर, नमक व भुना जीरा डाल लें। इसमें डले ताजे पुदीने की पत्तियाँ स्फूर्ति की अनुभूति बढ़ाती हैं। 
    गर्मियों में इसके नियमित सेवन से लू की संभावना खत्म होती है। यह पेय हल्के विरेचक का कार्य भी करता है। साथ ही धूप में रहने से पैदा हुए सिरदर्द को भी दूर करता है। पकी इमली अपच को दूर कर मुँह का स्वाद ठीक करती है। यह क्षुधावर्धक भी है। इमली पेट के कीड़ों से छुटकारा पाने के लिए भी उपयोगी है। इसके अलावा इसे हृदय का टॉनिक भी माना जाता है। यहाँ मैं टेस्टफुल मेनू के लिए इमली की चटनी बना रही हूँ। 

इमली की चटनी के लिए सामग्री -
  • ३- प्याला साफ़ की हुई इमली
  • आधा प्याला गुठली निकला हुआ खजूर
  • ३ प्याला गुड़
  • २ प्याला पानी
  • आधा चम्मच पिसी हुई लाल मिर्च
  • आधा चम्मच जीरा पिसा हुआ
  • नमक स्वादानुसार
  • चुटकी भर गरम मसाला


कैसे बनाएँगे ?
  • पानी में इमलीऔर गुड को मिलाकर कुछ मिनट के लिए रख दें।
  • अब इसे ७-८ मिनट तक उबाल लें।
  • मिक्सी में पीस कर ज़रूरत हैं तो छान लें।
  • अब इसमें लाल मिर्च और नमक डाल कर अच्छी तरह मिला लें।
  • एक बार उबालें और गरम मसाला मिला कर ठंडा कर लें।
  • विशेष अवसरों पर खजूर के महीन टुकड़े और किशमिश मिलाए जा सकते हैं।
  • दही बड़ों, भेलपूरी या पकौड़े के लिए मज़ेदार चटनी है।
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स्प्राउट्स अर्थात अंकुरित अनाज


    अंकुरित अनाज अर्थात स्प्राउट्स हमें सेहतमंद रखते हैं। इसे रोज ब्रेकफास्ट में खाना चाहिए।  स्प्राउट्स से हमारी रोग-प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। बचपन में माँ की ऐसी बातें हमें बोर कर देती थीं। पर वास्तविकता भी यही है कि स्प्राउट्स अर्थात अंकुरित अनाज एक शुद्ध और स्वस्थ नाश्ता है। इससे रोग-प्रतिरोधी क्षमता विकसित होता है। क्या आप जानते हैं कि नेचुरोपैथी अर्थात प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान में इसे दवा का दर्जा दिया गया है।

स्प्राउट्स अर्थात अंकुरित अनाज के फायदे -
  • स्प्राउट्स अर्थात अंकुरित अनाज में बहुत कम कैलोरी होती है। 
  • ये वजन नियंत्रित रखता है।
  • सोडियम की अधिक मात्रा अक्सर हृदय और रक्तचाप से जुड़ी समस्याएँ पैदा करती हैं। स्प्राउट्स में सोडियम नहीं होता, जिससे रक्तचाप का स्तर नियंत्रण में रहता है और शरीर उच्च रक्तचाप के स्तर को कम करता है।
  • स्प्राउट्स खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है, शरीर से गंदगी निकलती है। 
  • स्प्राउट्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रैडिकल्स को नष्ट करते हैं ताकि त्वचा को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे और त्वचा कैंसर की संभावना खत्म हो सके।


अपने टेस्टफुल मेनू में स्प्राउट्स अर्थात अंकुरित अनाज को क्यों रखें?
  • विशेषज्ञों की मानें तो कच्चे फल और सब्जियों से 100 गुना ज्यादा एन्जाइम्स अनाज को अंकुरित करने पर होते हैं। एन्जाइम्स वे प्रोटीन होते हैं, जो शरीर को सही तरह से कार्य करने के लिए जरूरी होते हैं।
  • अनाज को भिगोने और अंकुरण की प्रक्रिया के दौरान उनमें मौजूद प्रोटीन की गुणवत्ता बढ़ जाती है।
  • अंकुरण पर फाइबर की मात्रा तुरंत बढ़ जाती है।
  • अनाज को अंकुरित करने से विटामिन बी, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी और विटामिन ई की मात्रा लगभग 20 गुना ज्यादा बढ़ जाती है। रिसर्च के मुताबिक अंकुरण की प्रक्रिया के दौरान स्प्राउट्स में विटामिन बी1 की मात्रा 285 फीसदी, विटामिन बी 2 की मात्रा 515 तक बढ़ जाती है और नीयासिन की 256 फीसदी तक बढ़ जाती है।
  • एशेनशियल फैट अक्सर हमारी डाइट का हिस्सा नहीं होते। स्प्राउट्स इस फैट के अच्छे माध्यम हैं।
अंकुरण का तरीका -



  • अंकुरण के लिए आप मूंग, मोथ और चना आदि अनाजों का उपयोग कर सकते हैं। अनाज को रात भर पानी में भिगोने के बाद सुबह किसी साफ कपड़े में बांध दें या फिर किसी जार में रख दें। दिन में दो बार साफ पानी छिड़कें।



इन बातों का ध्यान अवश्य रखें - 
  • खाने से पहले स्प्राउट्स को जरूर धो लें। इससे किसी तरह का फंगस या पेस्टीसाइड के कण होंगे तो धुल जाएंगे।
  • आग पर पकाने, भूनने या तलने से स्प्राउट्स का पोषण नष्ट होता है। अगर पका कर ही खाना पसंद करते हैं तो भाप पर पका कर खाएं। भाप पर पकाने के लिए उबलते पानी में अंकुरित अनाज डाल कर ढक दें। दो मिनट पकाने के बाद बर्तन से ढक्कन हटा दें। फिर से 15 मिनट के लिए ढक कर पकाएं। मुलायम होने तक पकाएं।
  • सलाद के रूप में खाने से स्प्राउट्स के गुण कई गुना बढ़ जाते हैं। टमाटर, प्याज, मूली और खीरे के साथ खाया जाए तो स्प्राउट्स का स्वाद और पोषण बढ़ता है।
  • आप टेस्ट को बदलने के लिए धनिया-पत्ती या पुदीना या तुलसी-पत्ते का भी उपयोग कर सकते हैं। 
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तिल की चटनी


    बचपन से माँ के हाथों का एक स्वाद जीभ पर फिरते रहता है।  मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं उस स्वाद को दुहराना चाहती हूँ। माँ तिल की चटनी बनती थी। मैं भी बनाती हूँ। हाँ अब समयानुसार थोड़ा सा उसका रंग-रूप बदल गया है। माँ हमेशा बताती थी कि तिल अपने औषधीय गुणों के कारण हमेशा इस्तेमाल किया जाता रहा है। अगर नियमित रूप से इसका प्रयोग किया जाए तो यह हमारी त्वचा की खूबसूरती का तो ख्याल रखेगा ही, साथ ही हमारे बालों की सेहत भी बनाए रखेगा। हम अपने टेस्टफुल मेनू को भी तिल से दूर नहीं रख सकते। 

आइए तिल की चटनी बनाते हैं -

तिल की चटनी बनाने की सामग्री -
  • आधा प्याला भुने हुए सफ़ेद तिल
  • आधा प्याला भुनी हुई मूँगफली
  • आधा प्याला कद्दूकस किया हुआ सूखा नारियल
  • १ चम्मच जीरा
  • २ चम्मच पिसी लाल मिर्च
  • २ कली लहसुन की 
  • स्वादानुसार नमक (कई लोग इसे मीठा स्वाद देने के लिए नमक की जगह चीनी भी उपयोग करते हैं)


बनाने की विधि -
  • ऊपर दी गई सभी सामग्रियों को मिलाकर मिक्सर में इस तरह पीसें की एकदम बारीक न हो जाएँ।
  • यह चटनी सूखी चूरन जैसी बनती है।
  • हवा-बंद डब्बे में रखें तो बहुत दिन अच्छी ताज़ी रहती है।
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Monday, 28 September 2015

लहसुन की चटनी

लहसुन की चटनी

    कई बार ब्रेकफास्ट में मैं प्लेन पराठा बनाती हूँ। प्लेन पराठे के साथ मुझे लहसुन की चटनी बनाना बेहद पसंद है। आपको पता है कि लहसुन में कितने फायदे हैं? लहसुन एक ऐसा मसाला या खाद्द सामग्री है जो हर भारतीय रसोईघर में आसानी से मिल जाता है।  यह छोटा-सा लहसुन का फाँक सिर्फ खाने का जायका ही नहीं बढ़ाता है साथ ही इसके बहुत सारे औषधिय गुण भी हैं। लहसुन बैक्टिरीअल और वायरल संक्रमण को दूर करता है।  त्वचा के संक्रमण को ठीक करता है। यह रक्त का थक्का बनने में सहायता करता है। ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित करता है। दिल को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है। लहसुन एलर्जी से लड़ता है। कैंसर से बचने में मदद करता है तथा ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। 

    जब एक लहसुन के इतने फायदे, तो क्यों न हम ब्रेकफास्ट में भी प्रयोग करें। बस, इसी बहाने मैं अकसर प्लेन पराठा के साथ लहसुन की चटनी बनाती हूँ। आइए आज आपसे भी शेयर कर रही हूँ। आप भी इसे अपने टेस्टफुल मेनू में रख सकते हैं। 


लहसुन की चटनी की सामग्री -
  • दो बड़े लहसुन
  • १ चम्मच नीबू का रस
  • नमक स्वादानुसार 
  • आधा प्याला जैतून या सरसों का तेल

बनाने की विधि -
  • लहसुन छीलें और इसकी कलियाँ हरी मिर्च और नमक के साथ मिक्सर में थोड़ा-थोड़ा तेल डालते हुए महीन पीसें।
  • अब शीशे की बोतल में बंद कर के फ्रिज में रखें।
  • यह जम कर मक्खन जैसा हो जाता है और किसी भी तरह की डबलरोटी, पिज़ा या सूप के साथ मज़ेदार स्वाद देता है। वैसे मैं तो इसे प्लेन पराठा या आलू पराठा के साथ अपने टेस्टफुल मेनू में रखती हूँ। 

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नमकीन सेवई

नमकीन सेवई

     मेरे विकेंड पर सभी देर से जागते हैं। देर से जागने पर आलस्य देर तक रहता है। तब मैं  अक्सर चटपट तथा सेहत और स्वाद से भरपूर ब्रेकफास्ट बनाना चाहती हूँ। अगर आप भी ऐसा ही चाहे हैं तो उसके लिए नमकीन सेवई एक अच्छा विकल्प है। 
    जी हाँ, नमकीन सेवई सेहत और स्वाद से भरा हुआ झटपट तैयार होने वाला नाश्ता है। इसे बनाने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते है। कुछ लोग अजवाइन में छौंक लगाते हैं तो कुछ लोग राई में। मैं तो छौंक लगाने के लिए जीरा या पंचफोरन का प्रयोग करती हूँ। आइए किचेन में चलते हैं।

बनाने की विधि -
  • सबसे पहले कड़ाही में एक छोटा चम्मच रिफाइन डालकर गरम कीजिए फिर धीमी आँच पर तबतक गरम कीजिए जबतक सेवई गुलाबी न हो जाए। भूनते समय आप हमेशा चलाते रहें नही तो कड़ाही पकड़ने का डर रहता है। अब गुलाबी होने पर कड़ाही से निकाल लें।
  • अब कडा़ही में दो बड़ा चम्मच तेल या रिफाइन डालें तथा जीरा या पंचफोरन डालकर काटी गई सब्जियाँ (प्याज, गाजर, आलू, फ्रेन्च बिन्स, मटर आदि) डालकर 1 से 2 मिनट तक भूने।
  • अब सब्जियों में नमक, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर आदि डालकर 7 से 10 मिनट तक भूनें।
  • अब भूनी सब्जियों में भूनी सेवई डालें तथा दो कप गरम पानी डालकर गलने दें। पानी सूख जाने तक पकाएँ। इसके लिए आप 5 मिनट का समय लें।
  • अब तैयार सेवई में धनिया पत्ती डालकर फ्रूट जूस के साथ घर के सदस्यों को परोसें। इस प्रकार उन्हें सेहत और स्वाद के साथ ही विकेंड का आनन्द भी मिलेगा और आपका एक टेस्टी मेनू तैयार हो जाएगा।


टेस्टी मेनू के लिए कुछ अन्य टिप्स -
  • वैसे तो सामान्य रूप से सेवई और पानी बराबर मात्रा में प्रयोग किया जाता है लेकिन घरेलू सेवई में अधिक पानी डालना चाहिए।
  • नमकीन सेवई के लिए टूकड़े सेवई का प्रयोग अच्छा होता है।
  • अपने टेस्टफुल मेनू के टेस्ट में बदलाव के लिए आप सब्जियों में फूल गोभी, पत्ता गोभी, प्याज, शिमला मिर्च आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं। 
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Sunday, 27 September 2015

मावा-पेड़ा


    अब त्योहारों का मौसम आने वाला है। नवरात्रि, दिवाली, भैया-दूज। घर में अनेक मेहमान आएंगे। आप इस बार नवरात्रि, दिवाली, भैया-दूज के लिये बनाने वाली मिठाइयों में मावा के पेड़े को भी शामिल कर सकते हैं। सारी मिठाइयों में इस मावा-पेड़ा को बनाना शायद सबसे आसान है। 
    मावा के पेड़े बनाने में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है मावा को अच्छी तरह भूनना होता है। जितनी अच्छी तरह मावा भूना जायेगा, पेड़े उतने ही अधिक स्वादिष्ट बनेंगे और आप इन्हें कई दिनों तक रख कर खा सकेंगे तथा अपने स्वीट होम्स की स्वीटनेस बरकरार रख सकेंगे। 

आइए मावा-पेड़ा बनाते हैं - 

आवश्यक सामग्री 
मावा  - 500 ग्राम ( 2 1/2 कप)
बूरा  -   300 ग्राम  (1 1/2 कप)
इलाइची - 15 (इलाइची छील कर दाने निकाल लीजिये)
बादाम - 6-7 (बारीक पतले काट लीजिये)

अब बनाएँ कैसे?

विधि - 
सबसे पहले मावा भूनेंगे। मावा के सख्त होने पर कद्दूकस में कस लेंगे। मुलायम मावा कढ़ाई में डालें और कलछी से चलाते हुये धीमी गैस पर हल्का गुलाबी होने तक भूनते रहें।  याद रहे कि मावा भूनने में देर तो लगती है लेकिन तभी पेड़े बहुत स्वादिष्ट भी होते हैं। पेड़े के स्वाद के लिए थोड़ा सब्र करें। 

भुने हुये मावा को ठंडा कीजिये। बूरा और 6-7 इलाइची छील कर बारीक कूट कर इस मावा में मिलाइये। पेड़े बनाने के लिये मिश्रण तैयार है। बचे हुये 10 इलाइची छील कर दाने निकाल लीजिये और बादाम बारीक कतर लीजिये। 

मावे को सांचे में डाल कर दबाकर पेड़ा बना लिये जाते हैं, या हाथ से गोल और चपटा करके पेड़े तैयार कर लिये जाते हैं,  इस लिये हमने हाथो से थोड़ा सा घी लगाया, थोड़ा सा मिश्रण निकाल कर हाथ में लिया और गोल करके इकठ्ठा किया, सांचा लेकर उसमें भर लिया, थोड़ा थोड़ा दबाया और निकाल कर हाथ से आकार देते हुये पेड़ा तैयार किया,  पेड़े के ऊपर 3-4 दाने इलाइची के और थोड़ा सा कतरा हुआ बादाम रखकर हाथ से दबा कर लगा दिया, ये हो गया सुन्दर सा पेड़ा तैयार। अब आप खुद भी तथा पुरे परिवार को भी स्वाद की दुनिया में खो जाने दीजिए। 
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