व्रत-उपवास का सबसे आदर्श फलाहार चौलाई और दही को कहा जा सकता है। चौलाई को रामदाना और राजगिरा भी कहते हैं। इस चौलाई अर्थात रामदाना अर्थात राजगिरा को दाना या आटा दोनों रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है । इसके दानो के उपयोग से अनेक स्वादिष्ट व पौष्टिक खाद्य पदार्थ तैयार किये जाते है । इसे अंग्रेजी में ऐमरंथ कहते है। ऐमरंथ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से हुई मानी जाती है जिसका भावार्थ मृत्यु की संभावना को कम करना है । पौष्टिकता से परिपूर्ण होने के कारण इसको व्रत-उपवास के दिनों मे खाया जाता है । नवरात्र को देखते हुए आज मैंने अपने टेस्टफुल मेनू में चौलाई को दही के साथ रखा है।
चौलाई (रामदाना)-दही के लिए आवश्यक सामग्री -
- चौलाई (रामदाना) - 1 कप (150 ग्राम)
- किशमिश - 2 टेबल स्पून
- काजू - 2 टेबल स्पून
- दही- 200 ग्राम
- चीनी -स्वादानुसार
कैसे तैयार करेंगे चौलाई (रामदाना)-दही?
- भारी तले की कढ़ाई को अच्छी तरह गरम करें।
- 2 छोटा चम्मच राजगिरा या चौलाई (रामदाना) के दाने डालकर लगातार चलाते हुए भूनें। चौलाई (रामदाना) के दाने तुरन्त ही फूलने लगते हैं।
- जब सारे दाने फूल जायें तो उन्हें निकालकर इस प्रक्रिया को दुहराते हुये सारे चौलाई (रामदाना) को भून लें।
- भुने हुये चौलाई (रामदाना) को छलनी में छान लें।
- जो चौलाई (रामदाना) फूले नहीं हैं वह छलनी से नीचे आ जायेंगे।
- अब आप किसी भी व्रती को दही के साथ भूने चौलाई (रामदाना) को दें।
- उसमे स्वाद के लिए चीनी के साथ किशमिश और काजू दाल दें।
विश्वास रखें कि व्रती को आज पौष्टिकता से परिपूर्ण प्रसाद मिलेगा और आपको प्रसन्नता।
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