Saturday, 26 March 2016

नमकीन लस्सी


 
  गर्मी में दही के व्यंजन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होते हैं। सामान्य रूप में दही के व्यंजन में रायता के बाद लस्सी का ही प्रमुख स्थान है। गर्मी के दिनों में लस्सी मन को तरावट देती है। यह हमारे लिए कई प्रकार से लाभदायक है। लस्सी भूख बढ़ाती है। पाचन शक्ति ठीक करती है। यह शरीर और हृदय बल देती है।
   गर्मियों में हम हमेशा ही लस्सी का प्रयोग करते हैं। हमेशा मीठी लस्सी लाभदायक नहीं होती। आज मैंने अपनी टेस्टफुल मेनू में नमकीन लस्सी रखा है। यह बनाने में बहुत ही आसान और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है।  आप भी कम-से-कम समय में नमकीन लस्सी बना कर अपने परिवार के स्वास्थ्य को सुदृढ़ रख सकती हैं। 


नमकीन लस्सी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री -
  • दही -  2 कप
  • पानी - 4 कप
  • काला नमक - 1/2 छोटा चम्मच
  • भुना जीरा - 1 चम्मच
  • चीनी बूरा - 4 चम्मच 
  • काली मिर्च पाउडर - 2 चुटकी
  • बर्फ के टुकड़े - 6-8 
  • नमक - इच्छानुसार 

नमकीन लस्सी कैसे बनाएँ ? 
  • सबसे पहले एक गहरे बर्तन में दही लें।  
  • उसमें चीनी बूरा, इच्छानुसार नमक, काला नमक और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर मथ लें। 
  • अब पानी मिलाकर एक बार पुन: मथें। 
  • अब तवा को गर्म करके उसके ऊपर जीरा डाल कर भून लें। 
  • भूने जीरा को खरल में पीस लें। 
  • जीरे के पाउडर को दही में मिलाकर एक बार फिर हल्का मथ लें। 
  • अब आपकी टेस्टफुल मेनू के लिए नमकीन लस्सी तैयार है। 
  • इसे गिलास में निकाल कर बर्फ के टुकड़े डालें और परोसें। 
  • यह गुणकारी लस्सी सबको आनन्दित करेगी। 


विशेष -
  • नमकीन लस्सी बनाते समय ध्यान रखें कि दही ताजा जमा होना चाहिए। 
  • किसी भी लस्सी का सेवन मूर्छा, भ्रम, दाह, रक्तपित्त आदि विकारों में नहीं करना चाहिए। 
  • आप नमकीन लस्सी में जीरा की जगह आजवायन औरचीनी बूरा के स्थान पर  मिश्री भी डाल सकती हैं। 
  • जिन लोगों को खाना ठीक से न पचने की शिकायत होती है, उन्हें रोजाना नमकीन लस्सी पीना चाहिए। 
  • नमकीन लस्सी रोजाना पीने से एसीडिटी जड़ से साफ हो जाती है।
  • अगर कब्ज की शिकायत बनी रहती हो तो अजवाइन मिलाकर नमकीन लस्सी का सेवन करें। 
  • लस्सी को रखने के लिए पीतल, ताँबे या काँसे के बर्तन का प्रयोग न करें।



  • इन धातुओं से बनने बर्तनों में रखने से लस्सी जहर समान हो जाएगा। 
  • लस्सी के लिए हमेशा काँच या मिट्टी के बर्तन का प्रयोग करें।
  • दही को जमाने में मिट्टी से बने बर्तन का प्रयोग करना उत्तम रहता है।
  • तेज बुखार या बदन दर्द, जुकाम अथवा जोड़ों के दर्द में लस्सी नहीं लेना चाहिए।
  •  यदि कोई व्यक्ति बाहर से ज्यादा थक कर आया हो, तो तुरंत दही या लस्सी न दें। 
  • लस्सी कभी बासी नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसकी खटास आँतों को नुकसान पहुंचाती है। 

                                                    --------------------

No comments:

Post a Comment