आप सबको पता ही होगा कि बेर भारत का बहुत ही प्राचीन एंव लोकप्रिय फल है। यह विटामिन 'सी' व विटामिन 'बी' का अच्छा स्त्रोत है। इसमें कैल्शियम, लौह और शर्करा प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। बेर के फल, पत्ती, वृक्ष की छाल, गोंद आदि में उच्च-कोटि का औषधीय गुण है। इसे भगवान शिव का प्रिय फल भी कहा जाता है। इसीलिए लोग महाशिवरात्रि की पूजा में प्रसाद के लिए चढ़ाते भी हैं, खाते भी हैं। आज मैंने भी अपनी टेस्टफुल मेनू में इस गुणों के खान बेर को रखा है।
बेर के फायदे
- रोजाना बेर खाने से अस्थमा और मसूड़ों के घाव को भरने में मदद मिलती है।
- बेर खाने से खुश्की और थकान दूर होती है।
- बेर और नीम के पत्ते पीसकर सिर पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है।
- बेर बहुत ही उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर फल है।
- बेर को अधिकतर लोग बचपन में तो बहुत पसंद करते हैं, लेकिन बड़े होने पर इसे नहीं खाते हैं।
- एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग इसके गुणों से अनजान हैं।
- बेर में कार्बोज, प्रोटीन, वसा, थाईमिन, राईबोफ्लेविन, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस आदि पोषक तत्व उपस्थित होते हैं।
- संतरे और नींबू की ही तरह बेर में भी प्रचूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है।
- बेर में अन्य फलों के मुकाबले विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है।
- बेर के सेवन से त्वचा लंबी उम्र तक जवान बनी रहती है।
कैसे खाएँ बेर?
- आयुर्वेद के अनुसार बेर हृदय के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
- बेर खाने से बार-बार प्यास लगने की शिकायत नहीं रहती।
- बेर को सुखाकर और बारीक पीसकर बनाया गया सत्तू कफ व वायु दोषों का नाश करता है।
- बेर को नमक और काली मिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या दूर होती है।
- बेर को छाछ के साथ लेने से घबराहट, उल्टी और पेटदर्द की समस्या में आराम मिलता है।
तो आप भी शीतल, दस्तावर और पुष्टिकारक बेर को कभी-कभी अपनी टेस्टफुल मेनू का टेस्ट अवश्य बढ़ाएँ। हाँ, इतना अवश्य ध्यान रहे कि कच्चे बेर पित्तकारक और कफवर्धक होते हैं।
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