Tuesday, 26 April 2016

कच्चे आम और पुदीना की चटनी

भारत के हर कोने में गर्मियों में लोगों को कच्चे आम की याद आती है। मूल रूप से उत्तर भारत में इन दिनों कच्चे आम और पुदीने की चटनी खूब खाई जाती है। आम आपको भरपूर कैल्सियम देता है और साथ ही पुदीना आपको तर-ओ-ताज़ा रखता है। दोनों से पेट और पाचन-तंत्र ठीक रहता है। 


   
   कच्चे आम और पुदीना की चटनी खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। इसे स्नैक या लंच-डिनर के साथ भी रख सकते हैं। इसे आप गर्मियों में रोज़ के खाने के साथ भी खा सकते हैं। आज मैंने अपनी टेस्टफुल मेनू में कच्चे आम और पुदीना की चटनी रखी है। आप भी बनाइए और गर्मियों में कैरी (कच्चे आम) के साथ पुदीने का एक फायदेमंद और चटकारे वाला स्वाद लिजिए। 
 

 कच्चे आम और पुदीना की चटनी के लिए आवश्यक सामग्री -
  • हरा पुदीना - 1 कप
  • कच्चे आम  - 2 
  • हरी मिर्च  - 2-3 
  • नमक - स्वादानुसार। 


कच्चे आम और पुदीना की चटनी कैसे बनाएँ?
  • पुदीना और कच्चे आम की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले पुदीना की पत्तियों को अच्छी तरह से धो लें। 
  • अब आम को धो कर छील लें। 
  • आम का बीज अलग कर लें। 
  • हरी मिर्च का डंठल तोड़कर धो लें। 
  • अब पुदीना की पत्तियाँ, आम के टुकड़े, हरी मिर्च और नमक को एक साथ मिलाकर सिल पर या मिक्सर में पीस लें। 
  • बस, आपकी टेस्टफुल मेनू  के लिए कच्चे आम और पुदीना की चटनी तैयार है। 

इसे आप फ्रिज में रखकर एक सप्ताह तक प्रयोग में ला सकती हैं। 
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Monday, 25 April 2016

चिली पनीर


 
 चिल्ली पनीर एक ऐसा चाइनीज़ स्नैक्स या स्टार्टर है, जिसे भारतीय ठंग से तैयार कर के सबके मन को ललचाया जा सकता है।  आज मैंने अपनी टेस्टफुल मेनू में चिली पनीर रखा है। इसे स्नैक्स या स्टार्टर  के रूप में, खाने के साथ या ज़ैसे चाहें वैसे खाया जा सकता है। चिल्ली पनीर टेस्टी होने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी होता है।
    जी हाँ, चिली पनीर भारतीय-चाइनीज डिश है और अपने नाम के मुताबिक ही तीखी, चटपटा और मन लुभावना भी होता है। वैसे तो आप चिली पनीर को करी या  सॉस में भी बना सकती हैं, पर अधिकांश लोग सूखा ही पसंद करते हैं। आज आप भी इस स्वादिष्ट चिली पनीर को अपनी रसोई में बनाइए और अपने परिवार को ढाबों के स्वाद का आनंद लेने दीजिए। 
चिली पनीर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री -
  • पनीर- 200 ग्राम
  • मैदा -1 चम्मच
  • मक्के का आटा - 1चम्मच
  • हरी मिर्च - 7-8 
  • प्याज - 2 
  • अदरक - 1/2 चम्मच (पेस्ट)
  • हरी मिर्च - 1/2 चम्मच (पेस्ट)
  • शिमला मिर्च - 2 
  • नमक  - स्वादानुसार 
  • सोया सॉस - 2 चम्मच
  • टोमेटो सॉस - 1 चम्मच
  • सफेद सिरका 1 चम्मच
  • तेल - 200 ग्राम (तलने के लिए)
  • तेल -1 चम्मच बनाने के लिए 


चिली पनीर कैसे बनाएँ?


  • सबसे पहले पनीर को एक इंच के टुकड़ों में काट लें। 
  • प्याज को छीलकर धो लें।  
  • अब प्याज एक इंच के टुकड़ों में काट लें। 
  • हरी मिर्च का डंठल हटा कर उसे धो लें और फिर लम्बाई में दो टुकड़ों में काटें। 
  • शिमला मिर्च का डंठल हटाकर उसे धो लें।  
  • अब बीच से आधा काटकर बीज हटा लें। 
  • बीज हटाने के बाद शिमला मिर्च को एक इंच के टुकड़ों में काट लें। 
  • मैदा और मक्के के आटा को एक में मिला लें। 
  • अब एक कड़ाही में तेल गरम करें।  
  • तेल गर्म होने प पनीर के टुकड़ों को मैदा और कॉर्न स्टार्च में लपेटकर तेल में डालें। 
  • मध्यम आँच पर 5-7 मिनट तक तलें।  
  • अब पनीर के टुकड़ों को दूसरे बरतन में निकाल लें। 
  • अब कड़ाही में एक चम्मच तेल छोड़कर बाकी तेल हटा लें। 
  • इस तेल में अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट डालें और कुछ पल भूनें। 
  • प्याज डालें और एक मिनट के लिए फ्राइ करे।  
  • अब शिमला मिर्च और हरी मिर्च डालें और दो मिनट के लिए भूनें। 
  • तला पनीर, नमक, सोया सॉस, और टोमतो सॉस डालकर सब सामग्री को अच्छे से मिलाएँ।  
  • दो मिनट अच्छे से भूनें। 
  • अब सफेद सिरका डालें। 


 आपकी टेस्टफुल मेनू के लिए ताज़ा, स्वादिष्ट चिली पनीर तैयार है। 
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Sunday, 24 April 2016

आम पन्ना

    आम को फलों का राजा कहते हैं। वास्तव में इसका हर रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हम हमेशा सोचते हैं कि गर्मी से राहत और ताजगी पाने के लिए क्या पीया जाय। आज मैंने अपनी टेस्टफुल मेनू में सबका पसंदीदा आम पन्ना रखा है। यह गर्मियों के लिए काफी लाभकारी होती है। इसका स्वाद तो चटखारे वाला होता ही है, स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी है।  
आम पन्ना गर्मियों में लू से बचाता है। हमारी पाचन क्रिया को भी ठीक रखता है। कच्चे आम में अधिक मात्रा में कैल्सियम मिलता है। आम पन्ना से हमारे शरीर में कैलोरी नियंत्रित रहती है। 
   आर्युर्वैदिक के अनुसार आम के पाँच अंग काम आते हैं। इसके वृक्ष की छाल, जड़ तथा पत्ते, मलरोधक, वात, पित्त तथा कफ का नाश करनेवाले होते हैं। इसके फूलों का चूर्ण भी लाभदायक है। आम का पका फल तो सभी खाते हैं, इसके कच्चे फल का अँचार भी सबको पसंद है। आम पन्ना भी एक स्वाद से भरपूर और स्वास्थ्यवर्धक पन्ना है। आप भी इसे अपनी टेस्टफुल मेनू में अवश्य रखें।  

आम पन्ना बनाने के लिए आवश्यक सामग्री - 


  • कच्चा आम - 1 
  • पुदीना - 8-10 पत्तियाँ 
  • भुना जीरा पाउडर -  1/2 चम्मच 
  • चीनी - 1/2 चम्मच 
  • काला नमक - स्वादानुसार
  • काली मिर्च का पाउडर - स्वादानुसार
  • बर्फ का टुकड़ा - 4 


 आम पन्ना कैसे बनाएँ?


  • सबसे पहले कच्चे आम को दो कप पानी के साथ उबालें। 
  • आप इसे कुकर में 2 सीटी आने तक उबाल सकती हैं। 
  • अब आम को ठंडा होने दें। 
  • ठंडा होने पर आम को धुलकर उसका छिलका और बीज निकाल लें। 
  • अब मिक्सी में ये उबला हुआ गूदा, चीनी, काला नमक और पोदीने की पत्तियाँ डालकर अच्छी तरह से पीस लें। 


  • इसमें दो गिलास ठंडा पानी मिला कर छलनी में छान लें। 
  • अब दो व्यक्तियों के लिए दो गिलास ठंडा आम पन्ना तैयार है। 
  • अब इसमें काली मिर्च व भुना हुआ जीरा पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएँ। 
  • एक गिलास में एक या दो बर्फ का टुकड़ा डालें। 
  • आप इस आम के पन्ने को पोदीने की पत्तियों से सजा कर भी परोस सकती हैं। 

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Saturday, 23 April 2016

गुणकारी सरसों


सरसों द्विबीजपत्री, एकवर्षीय शाक पौधा है। सरसों का वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्प्रेसटिस है। इसकी पत्तियाँ और बीज, दोनों खाने के उपयोग में आते हैं। सरसों की साग किसे पसंद नहीं? सरसों  के गुणकारी रूप को बताने के लिए आज मैंने इसे अपनी टेस्टफुल मेनू में रखा है।  
सरसों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। राई भी उन्हीं में से एक है। यह एक महत्वपूर्ण मसाले के तौर पर हर भारतीय रसोई में उपयोग में लाया जाता है। सारे भारतवर्ष में सरसों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। इसे मसाले के साथ ही अनेक हर्बल नुस्खों के रूप में भी आजमाया जाता है। 
सरसों में पाया जाता है -


  • सरसों में मायरोसीन, सिनिग्रिन जैसे रसायन पाए जाते है। 
  • ये रसायन त्वचा से सम्बंधित अनेक रोगों के लिए हितकर हैं। 
  • सरसों को रात भर पानी में डुबोकर रखा जाए और सुबह इस पानी को त्वचा पर लगाया जाए तो त्वचा रोगों में आराम मिल जाता है।
  • सरसों के बीज से तेल निकाला जाता है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ बनाने और शरीर में लगाने में किया जाता है। 
  • इसका तेल अँचार, साबुन तथा ग्लिसराल बनाने के काम आता है।
  • तेल निकाले जाने के बाद प्राप्त खली मवेशियों को खिलाने के काम आती है। 

सरसों का आयुर्वेदिक महत्त्व -


  • यह आयुर्वेद की दृष्टि से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। 
  • इसका तेल सभी चर्म रोगों से रक्षा करता है। 
  • सरसों रस और विपाक में चरपरा, स्निग्ध, कड़वा, तीखा और गर्म होता है।  
  • सरसों कफ-नाशक, वात-नाशक, रक्त-पित्त और अग्निवर्द्धक होता है। 
  • सरसों से खुजली, कोढ़, पेट के कृमि आदि का नाश होता है। 

सरसों गुणकारी कैसे?
  • सरसों का प्रमुख गुण पाचक होता है। 
  • पेट के कीड़े इसका पानी पीने से मर जाते है। 
  • अगर किसी को हैजा हुआ हो तो इसे पीस कर पेट पर लेप करने से पेट-दर्द और मरोड़ से आराम मिलता है। 
  • सरसों के दानों की पोटली बनाकर दर्द वाली जगह पर सेंक किया जाए तो तुरंत राहत मिलती है। 
  • सरसों के पेस्ट का लेप लगाने से सूजन कम होती है। 
  • सरसों को पीसकर शहद में मिलाकर सूँघने से जुकाम में आराम मिलता है। 
  • सरसों के तेल में बारीक नमक मिलाकर मंजन करने से पायरिया रोग का नाश होता है। 
  • सरसों का लेप ललाट पर लगाया जाए तो सरदर्द में अतिशीघ्र आराम मिलता है। 
  • चुटकी भर सरसों के चूर्ण को पानी के साथ बच्चों को देने से वे रात में बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते है।


  • सरसों के तेल को गर्म कर दो तीन बूँदे कान डाला जाए तो कान में दर्द होना बंद हो जाता है।  
  • दाल पकाने से पूर्व कुछ बूंद सरसों का तेल उसमें डाल देने से दाल शीघ्र पक जाती है। 
  • खुरदरे हाथों में रोज सरसों का तेल मलने पर हाथ मुलायम हो जाते हैं। 
  • पैरों के तलवों पर रात को सरसों का तेल मलने से आंखों की रोशनी तेज होती है। 
  • सरसों के तेल और दानों का खाने में इस्तेमाल करने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है। 

आपको भी अपनी टेस्टफुल मेनू में हमेशा गुणकारी सरसों का उपयोग करना चाहिए। 
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Sunday, 3 April 2016

मसाला पनीर


पनीर हमारे स्वास्थ के लिये बहुत ही लाभदायक होता है। इससे हमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिंस, कार्बोहाईड्रेट्स, वसा आदि मिलते हैं। पनीर से अनेक सब्जियाँ बनाई जाती हैं। मटर पनीर, शाही पनीर, कढ़ाई पनीर, आदि पनीर से सब्जियाँ बनती हैं। आज मैंने पनीर से बनने वाली सब्जियों के ही सिलसिले में अपनी टेस्टफुल मेनू में मसाला पनीर रखा है। 
जैसा कि सबको पता है, स्वास्थ्यवधर्क खाद्यपदार्थ के रूप में पनीर बड़ा महत्वपूर्ण है। यह ठंडे देशों-प्रदेशों का बहुप्रचलित खाद्य है। इसमें मांस के समान प्रोटीन मिलाता है तथा अधिक पाचक दशा में रहता है। अफगानिस्तान, मध्य एशिया, यूरोप, अमरीका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में पनीर की खपत बड़ी मात्रा में होती है। भारत में तो इसके विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ बनाई ही जाती हैं। तो आइए मसाला पनीर बनाते हैं।   
मसाला पनीर के लिए आवश्यक सामग्री -


  • पनीर - 15-20 टुकड़ा 
  • प्याज़ - 2 बड़ा घिसा हुआ
  • लहसुन पेस्ट - 1/2 चम्मच
  • अदरक पेस्ट - 1/2 चम्मच
  • टमाटर - 1 बड़ा (बारीक़ कटा हुआ)
  • हल्दी - 1/4 चम्मच
  • धनिया पाउडर - 1 चम्मच
  • जीरा पाउडर - 1 चम्मच
  • गरम मसाला -1/2 चम्मच
  • बड़ी इलाइची  - 1
  • लौंग  -  2
  • दालचीनी  - 1 टुकडा 
  • काली मिर्च - 2-3 
  • तेल - 2 चम्मच
  • नमक - स्वादानुसार 

मसाला पनीर कैसे बनाएँ? 


  • सबसे पहले पनीर को गरम पानी में 5 मिनट डालकर रखें। 
  • अब कढ़ाई में तेल डालकर गरम करें। 
  • तेल गरम होने पर उसमें बड़ी इलाइची, लौंग, काली मिर्च, दालचीनी  आदि खड़े गरम मसाले डाल दें। 
  • गरम मसलों को थोड़ा भूनने के बाद घिसा हुआ प्याज डाल दें। 
  • अब लहसुन और अदरक का पेस्ट डालकर कुछ देर भूने। 
  • कुछ देर बाद बारीक़ कटे टमाटर डालें और धीमें आँच पर 5-7 मिनट पकाएँ। 
  • अब सारें मसालें डाल दें और चलाकर मिलाएँ। 
  • करीब 5 मिनट पकने के बाद 1 कप पानी डालें और फिर 8-10 मिनट तक पकाएँ। . 
  • अब इसमें पनीर के टुकड़े डालें। 
  • चलाकर मिला लें और 5 मिनट तक पकाएँ। 
  • अब गैस बंद कर दें। 


इस प्रकार आपकी टेस्टफुल मेनू के लिए मसाला पनीर तैयार है। 
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सहजन की सब्जी


   सहजन को तो सभी पहचानते हैं। इसे कई जगह मुनगा या ड्रम स्टिक्स भी कहते हैं। यह एक हरी सब्जी है जो बाजार में आसानी से बिकती है। हममे से बहुत लोग हैं जो इसे नहीं खाना चाहते। बहुत लोगों की इसके असरकारी गुणों का पता नहीं है। जाड़े के गमन और गर्मी के आगमन के मौसम में सहजन खूब मिलती है। घर की औरतें घर के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य का आधार होती हैं। आज मैंने अपनी टेस्टफुल मेनू में अनेक लाभों से भरपूर इस सहजन की सब्जी को रखा है। 

सहजन को केवल सब्जी नहीं, एक औषधीय सब्जी कहा जा सकता है। सहजन के बीज से तेल निकाला जाता है। इसके छाल, पत्ती, गोंद, जड़ आदि से अनेक आयुर्वेदिक दवाइयाँ तैयार की जाती हैं। सहजन कई बीमारियों को दूर करती है और शरीर के हर अंग को मजबूती भी देती है। मुनगा या सहजन या ड्रम स्टिक्स की करीब 50 ग्राम पत्तियों को लेकर चटनी बनाए जाए तो यह पेट के कृमियों को बाहर निकाल फेंकने में काफी कारगर होती है। सहजन की पत्तियों का सूप टीबी, ब्रोंकाइटिस तथा अस्थमा पर नियंत्रण के लिए कारगर समझा जाता है। सहजन में हाई मात्रा में ओलिक एसिड होता है जो कि एक प्रकार का मोनोसैच्‍युरेटेड फैट है और यह शरीर के लिये अति आवश्‍यक है। यह हाजमें के लिए सबसे मुफीद सब्जी मानी जाती है। आप भी अपनी टेस्टफुल मेनू में सहजन की सब्जी रखकर नीचे दिए गए तरीके से आसानी से बना सकती हैं। 
सहजन की सब्जी के लिए आवश्यक सामग्री -
  • सहजन - 8-10 (1 इंच लम्बा कटा हुआ) 
  • आलू - 2 (कटा हुआ) 
  • टमाटर - 2 (बारीक कटा हुआ)
  • प्याज - 2 (बारीक कटा हुआ)
  • लहसुन - 8 -10 कलियाँ
  • हरी मिर्च - 2-3 
  • जीरा पाउडर - 1/2 चम्मच 
  • धनिया पाउडर - 1 चम्मच
  • हल्दी - 1/2 चम्मच 
  • हरी धनिया - 2 चम्मच (बारीक कटा हुआ)
  • तेल - 2 चम्मच
  • जीरा 8-10 दाने 
  • नमक - स्वादानुसार 

सहजन की सब्जी कैसे बनाएँ? 
  • एक कढाई में तेल डाल के गर्म करें। 
  • जीरा डालें और तड़कने दें। 
  • अब कटा हुआ प्याज और कटी मिर्च डालें और कुछ देर भूनें। 
  • अब आलू डाल  के कुछ देर भूनें। 
  • भूनने के बाद कटा सहजन भी डाल दें। 
  • आलू के ब्राउन होने तक भूनें। 
  • अब सभी सूखे मसाले, नमक और कटे हुए टमाटर डाल लें और कुछ देर पकाएँ। 
  • अब एक कप पानी डाल के धीमी आँच पर आलू के पकने तक पकाएँ। 
  • अब गैस बंद कर दें। 
  • आपकी टेस्टफुल मेनू के लिए स्वादिष्ट सहजन की सब्जी तैयार है। 

इसमें कटी हरी धनिया डाल के गरमागरम सब्जी चावल या रोटी के साथ परोसे। 
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Friday, 1 April 2016

नींबू पानी



सुबह उठकर नींबू पानी पीने को एक अच्छी आदत के तौर पर देखा जाता है। नींबू पानी पीने के कई फायदे हैं। इससे शरीर को विटामिन सी, पोटैशियम और फाइबर्स मिलते हैं। नींबू पानी ना सिर्फ आपको तरोताजा रखता है बल्कि इसके ऐसे कई फायदे हैं जो मनुष्य के लिए बेहतर हैं। नींबू विभिन्न विटामिन्स और मिनरल्स का खजाना माना जाता है। इसमें पानी, प्रोटीन, कारबोहाइड्रेट्स और शर्करा मौजूद होती है। नींबू विटामिन सी का बेहतर स्रोत है। इसमें थियामिन, रिबोफ्लोविन, नियासिन, विटामिन बी- 6, फोलेट और विटामिन-ई की थोड़ी मात्रा मौजूद रहती है। नींबू वजन को भी नियंत्रित करता है। नींबू पानी पूरी तरह से कैलोरी फ्री होता है। 
सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पीया जाए तो वजन घटाने में मददगार साबित होता है। आप चाहे तो दिन में कई बार इसका सेवन कर सकती हैं। नींबू ब्लड प्रेशर और तनाव को कम करता है। त्वचा को स्वस्थ बनाने के साथ ही लिवर के लिए भी यह बेहतर होता है।




वैसे भी अब गर्मियाँ शुरू हो गई हैं। गर्म हवाओं से तन-मन झुलसने लगता हैं। हमारे शरीर को इस हाल में अधिक तरल की आवश्यकता पड़ती है। तब हम बाज़ारू तरल और शीतल पेय पर रिझते हैं। आज मैंने इसी आवश्यकता को देखकर अपनी टेस्टफुल मेनू में नींबू पानी रखा है। इसे बनाने में कोई परेशानी नहीं है। यह तपती गरमी में भी आपको हमेशा तरोताज़ा रखने में सक्षम है। आप भी अपनी टेस्टफुल मेनू में नींबू पानी को रखिये और गर्मी में भी ठंडा-ठंडा कूल-कूल रहिए।

नींबू पानी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री - 
  • पानी - 1 गिलास 
  • शक्कर- 1/2 चम्मच 
  • नींबू - 1 
  • काला  नमक - 1/2 चम्मच 
  • हींग - 1/2 पिंच
  • चीनी - 1 चम्मच 
  • भुना जीरा (पाउडर) -  1 चम्मच  
  • सफ़ेद  नमक - 1/4 चम्मच  

नींबू पानी कैसे तैयार करें?
  • सबसे पहले एक गिलास पानी लें। 
  • पानी में आधा नींबू निचोड़ें। 
  • अब इसमें काला नमक तथा चुटकी भर सफ़ेद नमक मिलाएँ। 
  • आधा पिंच हींग डालें। 
  • चीनी डालें और चम्मच से अच्छी तरह मिलाएँ।  
  • अब  पानी में बर्फ के 1-2 टुकड़े डालकर पाँच मिनट तक मिलाएँ। 
  • दूसरे गिलास में अबतक तैयार नींबू-पानी छान लें। 
  • अब आपकी टेस्टफुल मेनू के लिए नींबू-पानी तैयार है।  
  • बस अब आप ऊपर से भुना जीरा (पाउडर) डालकर सर्व करें। 
  • यह पीने और पिलाने, दोनों में शीतलता देगा। 


विशेष - 
  • नींबू में सिट्रस एसिड होता है, जिसके संपर्क में आने से दांत बहुत अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। 
  • नींबू पानी पीने से एसिडिटी या गैस की समस्या बढ़ सकती है, जिसका असर पाचन क्रिया पर भी पड़ता है.
  • नींबू में सिट्रस एसिड के अलावा ऑक्सलेट की भी पर्याप्त मात्रा होती है। 
  • नींबू पानी का ज्यादा सेवन करने से ये क्रिसटल के रूप में शरीर में जमा हो जाता है, जिससे किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है। 

  • नींबू पानी पीने से बार-बार पेशाब आती है. जिससे डीहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। 
  • नींबू में अम्लीयता होती है जिसकी वजह से हड्डियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 
  • हमें कोशिश करना चाहिए कि नींबू पानी का सेवन नियंत्रित मात्रा में करें। 

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